OpenAI और ChatGPT जानिए- कैसे करता है काम
पिछले दो वर्षों में कोरोना वायरस महामारी की आड़ अनेक क्षेत्रों में बदलावों को एक ऐसी आंधी का रूप दे दिया गया, जिसमें बहुत दूर तक देख पाना कठिन हो रहा है। लेकिन, हम इतना तो देख ही सकते हैं कि मानव-सभ्यता के एक नए चरण का आगाज हो चुका है।
हमारी शिक्षा व्यवस्था, स्वास्थ व्यवस्था, प्रशासनिक व्यवस्था और बाजार सब बहुत तेजी से ऑनलाइन होने की प्रक्रिया में हैं।
Open AI, GPT3 और GPTChat इस दिशा में सबसे नई चीजें है, स्पेशल न्यूज कवरेज पर डॉ प्रमोद रंजन के इस साप्ताहिक शो ‘संक्रमण काल’ में इन विषयों पर बात की गई है। प्रमोद रंजन बताते हैं कि हमारे लिखने-पढ़ने की दुनिया पहले ही काफी बदल चुकी है और निकट भविष्य में आर्टिफिशियल इंटलीजेंस की इस नई तरक्की से इसमें आमूलचूल परिवर्तन आ जाएगा। मशीनों की कृत्रिम बुद्धिमत्ता इस काबिल हो चुकी है कि वह न सिर्फ स्वयं नई चीजें सीख रही है, बल्कि अनेक क्षेत्रों में ऐसा बहुत कुछ पैदा करने में सक्षम हो गई है, जिन्हें कुछ वर्ष पहले तक सिर्फ मनुष्य के बूते का काम माना जाता था। हमारे देखते-देखते मशीन और मनुष्य के बीच की विभाजन-रेखा धुंधली हो रही है।
पिछले दो वर्षों में कोरोना वायरस महामारी की आड़ अनेक क्षेत्रों में बदलावों को एक ऐसी आंधी का रूप दे दिया गया, जिसमें बहुत दूर तक देख पाना कठिन हो रहा है। लेकिन, हम इतना तो देख ही सकते हैं कि मानव-सभ्यता के एक नए चरण का आगाज हो चुका है।
हमारी शिक्षा व्यवस्था, स्वास्थ व्यवस्था, प्रशासनिक व्यवस्था और बाजार सब बहुत तेजी से ऑनलाइन होने की प्रक्रिया में हैं।
Open AI, GPT3 और GPTChat इस दिशा में सबसे नई चीजें है, स्पेशल न्यूज कवरेज पर डॉ प्रमोद रंजन के इस साप्ताहिक शो ‘संक्रमण काल’ में इन विषयों पर बात की गई है। प्रमोद रंजन बताते हैं कि हमारे लिखने-पढ़ने की दुनिया पहले ही काफी बदल चुकी है और निकट भविष्य में आर्टिफिशियल इंटलीजेंस की इस नई तरक्की से इसमें आमूलचूल परिवर्तन आ जाएगा। मशीनों की कृत्रिम बुद्धिमत्ता इस काबिल हो चुकी है कि वह न सिर्फ स्वयं नई चीजें सीख रही है, बल्कि अनेक क्षेत्रों में ऐसा बहुत कुछ पैदा करने में सक्षम हो गई है, जिन्हें कुछ वर्ष पहले तक सिर्फ मनुष्य के बूते का काम माना जाता था। हमारे देखते-देखते मशीन और मनुष्य के बीच की विभाजन-रेखा धुंधली हो रही है।